what is DRS in cricket

DRS: जानिए क्यों ये नियम बन गया है क्रिकेट का सबसे बड़ा विवाद!

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DRS Rule in Cricket | डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण तकनीकी प्रणाली है, जो खिलाड़ियों को अंपायर के निर्णयों को चुनौती देने की अनुमति देती है। हालांकि, इस प्रणाली ने खेल में कई विवादों को जन्म दिया है। आइए जानें कि DRS क्यों बना है क्रिकेट का सबसे बड़ा विवाद और इसके पीछे के कारण क्या हैं।

DRS का क्या है महत्व?

DRS का मुख्य उद्देश्य अंपायर के निर्णयों की सटीकता को बढ़ाना है। 2008 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इसे लागू किया गया था। DRS का उपयोग करते समय, खिलाड़ी अंपायर के निर्णय पर सवाल उठा सकते हैं, और विभिन्न तकनीकी उपकरणों के माध्यम से निर्णय को पुनः देखा जा सकता है। इसमें हॉक-आई, स्पीड गन, और थर्मल इमेजिंग शामिल हैं।

DRS rule in cricket के लाभ

  1. निर्णयों की सटीकता: DRS ने क्रिकेट में निर्णय लेने की प्रक्रिया को अधिक सटीक बनाया है। कई बार अंपायर के निर्णय गलत होते हैं, और DRS के माध्यम से उन्हें सही किया जा सकता है।
  2. खिलाड़ियों का आत्मविश्वास: खिलाड़ी अब यह महसूस करते हैं कि उनके पास अंपायर के निर्णय को चुनौती देने का एक अवसर है, जिससे उनकी आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

DRS के विवाद

हालांकि DRS के कई लाभ हैं, लेकिन इसके साथ-साथ कई विवाद भी जुड़े हैं:

  1. गलत तकनीकी परिणाम:  कई बार, DRS द्वारा प्रदर्शित तकनीकी डेटा गलत हो सकता है। जैसे, हॉक-आई कभी-कभी गलत ट्रैकिंग कर सकता है, जिससे बल्लेबाजों या गेंदबाजों को नुकसान हो सकता है।
  2. अंपायर के निर्णय पर दबाव: DRS के कारण अंपायरों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। उन्हें हमेशा सही निर्णय लेने की जिम्मेदारी होती है, जो कभी-कभी खेल के प्रवाह को प्रभावित कर सकता है।
  3. टीमों की सीमाएँ: हर टीम को DRS का उपयोग करने के लिए सीमित रिव्यू मिलते हैं (जैसे कि 2 रिव्यू)। यदि एक टीम का रिव्यू गलत हो जाता है, तो उन्हें आगे के फैसलों पर सहमत रहना पड़ता है, जो विवादास्पद हो सकता है।
  4. गेंदबाजी और बैटिंग के पैटर्न: DRS से गेंदबाजों और बल्लेबाजों के खेलने के तरीके में भी बदलाव आया है। कुछ खिलाड़ी अब जानबूझकर अंपायर के फैसले को चुनौती देते हैं, जो खेल की पारदर्शिता को प्रभावित कर सकता है।

DRS पर कुछ प्रमुख विवाद

  1. 2017 का एशेज सीरीज: एशेज सीरीज के दौरान, DRS द्वारा कई विवादास्पद निर्णय लिए गए, जिससे खिलाड़ियों और प्रशंसकों में असंतोष फैला। कई खिलाड़ियों ने DRS के निर्णयों पर सवाल उठाए और इसे खेल के लिए हानिकारक माना।
  2. 2021 का भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट: इस टेस्ट में DRS का उपयोग कई बार विवादित रहा। कुछ निर्णयों ने टीमों के लिए महत्वपूर्ण क्षणों को प्रभावित किया, जिससे DRS पर फिर से बहस छिड़ गई।

DRS ने क्रिकेट को तकनीकी रूप से सशक्त किया है, लेकिन इसके साथ-साथ कई विवाद भी जुड़े हैं। यह प्रणाली न केवल खिलाड़ियों के लिए, बल्कि अंपायरों और प्रशंसकों के लिए भी चुनौती पेश करती है। DRS का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि इसे किस तरह से विकसित किया जाता है और कैसे विवादों को सुलझाया जाता है।

क्रिकेट के प्रति लोगों का प्रेम और उत्साह हमेशा बना रहेगा, लेकिन DRS जैसे नियमों की सटीकता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना इस खेल के लिए बेहद जरूरी है।

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