भारत और दक्षिण अफ्रीका (India vs South Africa) के बीच चल रही चार मैचों की टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला का दूसरा मुकाबला रविवार को रोमांचक रहा। भारतीय गेंदबाज वरुण चक्रवर्ती ने करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करते हुए पांच विकेट लिए, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के ट्रिस्टन स्टब्स की सूझबूझ भरी बल्लेबाजी ने टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इस मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को तीन विकेट से हराकर सीरीज़ को 1-1 की बराबरी पर ला दिया।
भारत की बल्लेबाजी हुई फेल, क्या थी रणनीतिक चूक?
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए शुरुआती ओवरों में ही अपने महत्वपूर्ण विकेट गंवा दिए। मार्को यानसेन ने पहले ओवर में संजू सैमसन को बिना खाता खोले पवेलियन भेज दिया। अभिषेक शर्मा भी ज्यादा योगदान नहीं दे सके और चार रन बनाकर आउट हो गए। कप्तान सूर्यकुमार यादव भी संघर्ष करते नजर आए और मात्र चार रन बनाकर पगबाधा आउट हुए।
तिलक वर्मा ने कुछ शानदार शॉट्स लगाए, लेकिन 20 रन की पारी के बाद वह भी आउट हो गए। टीम की रन गति काफी धीमी रही और पावरप्ले में भारत ने तीन विकेट खोकर सिर्फ 34 रन बनाए। अक्षर पटेल और हार्दिक पंड्या ने पारी को स्थिरता देने की कोशिश की, परंतु अक्षर 27 रन बनाकर दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गए। अंततः, हार्दिक पंड्या ने संघर्षपूर्ण 39 रन बनाए और टीम का स्कोर 124 रन तक पहुंचाया।
चक्रवर्ती का कमाल, फिर भी स्टब्स ने कैसे पलटा मैच?
भारत ने छोटे स्कोर का बचाव करते हुए गेंदबाजी की शुरुआत मजबूती से की। अर्शदीप सिंह और रवि बिश्नोई ने दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा। इस दौरान चक्रवर्ती ने अपने चार ओवरों में मात्र 17 रन देकर पांच विकेट हासिल किए, जिससे दक्षिण अफ्रीका पर संकट के बादल मंडराने लगे। उन्होंने कप्तान एडेन मार्करम, रीजा हेंड्रिक्स, मार्को यानसेन, हेनरिच क्लासेन और डेविड मिलर को आउट किया, जिससे दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 57 रन पर सात विकेट हो गया।
कैसे कोएट्जी-स्टब्स की साझेदारी ने बदली बाजी?
दक्षिण अफ्रीका की पारी एक समय पूरी तरह से बिखरती नजर आ रही थी। लेकिन ट्रिस्टन स्टब्स ने धैर्य और सूझबूझ के साथ बल्लेबाजी की। उन्होंने 41 गेंदों में सात चौकों की मदद से नाबाद 47 रन बनाए। इस दौरान उनका साथ देने के लिए गेराल्ड कोएट्जी भी क्रीज पर आए। कोएट्जी ने आक्रामक अंदाज में नौ गेंदों में नाबाद 19 रन बनाए और दोनों ने मिलकर 20 गेंदों में 42 रनों की अटूट साझेदारी करते हुए टीम को जीत के पार पहुंचाया।
सूर्यकुमार का फैसला विवादों में, क्या अक्षर को देना चाहिए था मौका?
हालांकि भारतीय स्पिनरों ने दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों पर काफी दबाव डाला, लेकिन कप्तान सूर्यकुमार यादव के कुछ निर्णय सवालों के घेरे में आए। विशेषकर, अक्षर पटेल का केवल एक ओवर कराने का फैसला विवादास्पद रहा। अक्षर ने अपने एकमात्र ओवर में मात्र दो रन दिए थे, जिससे उनकी गेंदबाजी को लेकर ज्यादा संभावनाएं थीं।
दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों का प्रदर्शन
दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों को शुरुआत से ही बैकफुट पर रखा। मार्को यानसेन, गेराल्ड कोएट्जी, एडेन मार्करम, नकाबायोमजी पीटर और एंडिले सिमेलेन ने सभी ने एक-एक विकेट लिया। इस साझेदारी से भारतीय टीम पर दबाव बढ़ा और वे एक छोटे स्कोर पर सिमट गए।
हार्दिक पंड्या का संघर्ष और फिनिशिंग टच
अंतिम ओवरों में हार्दिक पंड्या ने अपनी बल्लेबाजी से टीम के स्कोर को 124 रन तक पहुंचाया। उन्होंने 45 गेंदों में 39 रन बनाए, जिसमें चार चौके और एक छक्का शामिल था। उनकी कोशिशों से टीम को एक सम्मानजनक स्कोर मिला लेकिन वह विपक्षी टीम पर दबाव बनाने के लिए पर्याप्त नहीं था।
इस जीत के साथ, दक्षिण अफ्रीका ने भारत के जीत के सिलसिले को रोकते हुए श्रृंखला को बराबरी पर ला दिया। भारत के पास शुरुआती मुकाबला जीतने के बाद श्रृंखला में बढ़त का मौका था, लेकिन दूसरे मैच में निचले क्रम की साझेदारी ने उसे रोक दिया। वरुण चक्रवर्ती का अद्वितीय प्रदर्शन प्रशंसनीय था, लेकिन स्टब्स और कोएट्जी की साझेदारी ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया।
सीरीज़ के आगामी मैच अब रोमांचक मोड़ पर आ गए हैं। तीसरे मैच में दोनों टीमें बेहतर प्रदर्शन करने के लिए मैदान में उतरेंगी। भारत को अपनी बल्लेबाजी में मजबूती लानी होगी, खासकर टॉप ऑर्डर को स्थिरता देनी होगी। वहीं, गेंदबाजों को विपक्षी टीम के निचले क्रम के बल्लेबाजों पर भी नियंत्रण बनाना होगा।