वर्ल्ड कप के लिए भारत बनाम पाकिस्तान (IND vs PAK) मुकाबले में भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) ने शानदार खेल दिखाया. यादव ने दो विकेट लेकर पाकिस्तान की पारी को बड़ा झटका दिया. टीम की शानदार जीत के बाद कुलदीप यादव ने अपनी स्ट्रेटजी पर बात करते हुए कहा कि वह वह पाकिस्तान के बल्लेबाजों के दिमाग में भ्रम पैदा करने में सफल रहे. कुलदीप ने कहा कि पाकिस्तान के बल्लेबाजों ने उनकी गेंदों को समझे बिना जोखिम भरा स्वीप शॉट खेलने का प्रयास किया और विकेट गंवा बैठे.
कुलदीप ने सौद शकील और इफ्तिखार अहमद के महत्वपूर्ण विकेट लिए. इन दोनों ने बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर की गेंद पर स्वीप शॉट खेलने के प्रयास में अपने विकेट गंवाए.
कुलदीप की फिरकी में फंसा पाकिस्तान
कुलदीप से पूछा गया कि क्या उन्होंने इफ्तिखार के पांव को निशाना बनाकर गेंदबाजी करने की रणनीति बनाई थी तो उन्होंने इसका दिलचस्प जवाब दिया.
कुलदीप ने भारत की सात विकेट से जीत के बाद कहा-
”नहीं मैंने ऐसी योजना नहीं बनाई थी लेकिन मैं गुगली कर रहा था तो मैंने ऐसा प्रयास किया. वह थोड़ा शॉर्ट पिच गेंद थी जो बाहर जा रही थी और इस गेंद पर उसके लिए स्वीप करना मुश्किल था.”
इफ्तिखार ने ऑफ स्टंप से बाहर जा रही गेंद को स्वीप करने के प्रयास में अपना विकट गंवा दिया था. कुलदीप यादव ने कहा,
”यह विकेट मुझे भाग्य से मिला और इस तरह के विकेट से बल्लेबाजों पर दबाव बढ़ता है. वे मेरी गेंद को नहीं समझ पाए और इसको लेकर भ्रम में थे कि वे मेरी गेंद पर स्वीप शॉट लगाएं या सामान्य बल्लेबाजी करें. मैं हालांकि उसे बेहतर तरीके से आउट करना पसंद करता.”
कुलदीप यादव का करिश्माई ओवर
कुलदीप यादव ने अपने करिश्माई ओवर के बारे में बात करते हुए बताया कि असल में वह ओवर उन्हें नहीं करना था. लेकिन बाद में कप्तान रोहित शर्मा से बात करने के बाद ही उन्होंने वह ओवर किया था.
”मुझे लगा कि वे स्वीप शॉट खेलेंगे क्योंकि इफ्तिखार ऐसा करने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने पहले कोई जोखिम नहीं उठाया लेकिन जब कप्तान से बात करने के बाद मुझे वह अतिरिक्त ओवर करने को मिला तो मैंने दोनों विकेट उस ओवर में लिए.”
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बाबर को आउट कर सिराज ने बनाया दवाब
कुलदीप यादव ने कहा,”निश्चित तौर पर मोहम्मद सिराज ने बाबर आजम को आउट करके पाकिस्तान पर दबाव बनाया. इससे हमें मदद मिली. इसके बाद उस ओवर में मिले दो विकेट से वे आखिर तक नहीं उबर पाए.”
कुलदीप ने कहा कि मोटेरा के विकेट से तेज गेंदबाजों और स्पिनरों दोनों को खास मदद नहीं मिल रही थी और 270 रन अच्छा लक्ष्य होता.
उन्होंने कहा,”हमारी ऐसी कोई योजना नहीं थी कि हमें उन्हें एक निश्चित स्कोर तक रोकना है. हमारी सारी रणनीति पिच की प्रकृति पर निर्भर थी. इस विकेट पर 270 रन का लक्ष्य अच्छा होता.”